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Wednesday, January 30, 2013

प्रधानमन्त्री कौन?

शेर ने चुनाव जीतकर ये बता दिया की दरबार हमारा है
अब तुम चूहे को राजा बनाओ तो ये दुर्भाग्य तुम्हारा है !

Zeal

Monday, December 31, 2012

डायलौग डिलीवरी मत कीजिये प्रधानमन्त्री जी

"गैंगरेप पीडिता की मौत व्यर्थ नहीं जाने देंगे" --मनमोहन सिंह
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अब क्या इसको भी कैश करेंगे ? सियासत करेंगे मौत पर भी ? मरने वाले को ज़िन्दगी दे सकेंगे ? माता-पिता को नाजों में पली बेटी लौटा सकेंगे ? आनन्-फानन में चिता सुलगा कर खुद को सुरक्षित कर लिया ताकि हर आवाज़ खामोश कर सकें ?
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प्रधानमन्त्री  जी , हर लड़की को सुरक्षा दीजिये।   उसे जीने का अधिकार दीजिये।

डायलौग डिलीवरी मत कीजिये!

Zeal


Thursday, October 11, 2012

एक इकलौते वोट से बना गया प्रधानमन्त्री

बढती महत्वाकांक्षाओं ने हर किसी को प्रधानमन्त्री बनने के सपने दिखा दिए हैं ! हर कोई खुद को पोटेंशियल कैंडिडेट समझता है इस पद के लिए !  अब लद गए वो दिन जब जद्दोजहद होती थी अपनी पार्टी को जिताने की ! उम्र बीत जाती थी लेकिन अपनों के लिए कुछ करने का जज्बा समाप्त नहीं होता था !  लेकिन अब तो हर कोई खुद को ही हीरो समझता है और दूसरों को आईना दिखने में ही सबसे बड़ी काबिलियत समझता है !

आज कुकुरमुत्ते की तरह गली-गली में एक  स्कूल है और एक टूटपुंजिया सी राजनीतिक पार्टी खड़ी दिखाई देगी, लेकिन अफ़सोस तो ये है की अशिक्षित लाखों है और लोकतंत्र नदारद है ! 

एक ही पार्टी का प्रत्येक सदस्य खुद को प्रधानमन्त्री पद का दावेदार समझता है।  एक दुसरे का वोट काटकर खुद को चतुर समझता है।  वो दिन दूर नहीं जब ये सारे के सारे मौकापरस्त केवल अपने एक इकलौते वोट से ही जीतकर खुद को प्रधानमन्त्री बना हुआ समझेंगे ! 

मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं सभी ! 

  • नितीश को लगता है वो सबसे काबिल है  
  • राज ठाकरे तो खुद को खुदा सामझता है 
  • बाल ठाकरे को सुषमा सुहाती है 
  • अर्थशास्त्री तो अनर्थशास्त्री बनकर भी जमा हुआ है सत्ता में  
  • माँ का लाडला अमूल बेबी तो प्रधानमन्त्री  की कुर्सी को बपौती समझता है 
  • राउडी  राबर्ट के तो कहने ही क्या है , पूछता है अपनी सास से - " अमूल बेबी में ऐसा क्या है जो मुझमें नहीं है ? अगर वो बलात्कारी है तो मैं भी तो भ्रष्टाचारी हूँ, फिर मैं क्यों नहीं बन सकता प्रधानमन्त्री ? 
  • फिर प्रियंका गुस्से से तमतमाई, बोली- " नेहरू खानदान रीत है न्यारी, पत्नियाँ  होती हैं पतियों पर भारी , अतः प्रधानमंत्री तो सिर्फ मैं ही बनूंगी"
  • कजरारी अखियों वाले केजरीवाल का तो कहना ही क्या -अन्ना को गन्ने की तरह चूसकर किया किनारे , अब खुद को प्रधानमंत्री समझ रहा है और मुसलमानों को फंसाने के लिए उन्हें 11% आरक्षण का लालच दे रहा है ! क्योकि मुसल्मानों को खरीदना सबसे आसान जो है !
  • माया , मुलायम राबड़ी टाइप दलित तो दलितों के नाम पर आरक्षण लेकर गुडागर्दी करते हैं ! रहेंगे सब FIVE STAR  जैसे सुसज्जित बंगलों में और लूटेंगे देश को दलित बनकर ! 

 अब जिम्मेदारी उस समझदार वर्ग की है कि किसके इकलौते वोट से अपना वोट जोड़कर एक और एक दो कर दे। 

Zeal 

Sunday, June 24, 2012

एक शरीफ प्रधानमंत्री की तलाश है---

नितीश ने मांग की है की एक शरीफ और सेक्युलर प्रधानमन्त्री होना चाहिए भारत का। मैंने तो बहुत सोचा , मुझे तो कांग्रेस के सिवा दूसरा कोई शरीफ और सेक्युलर दिखाई नहीं दिया। तो फिर २०१४ में लुटेरों को दुबारा जिता दिया जाये ? या फिर श्री श्री १००८ स्वामी नितीश कुमार को ही प्रधानमंत्री बना दिया जाए ?

राष्ट्रपति की तो मारा-मारी चल ही रही है। UPA , आनन्-फानन में अपना मनचाहा चुन ही लेगी, लेकिन प्रधानमन्त्री किसे बनाएं ?

Zeal

Monday, April 9, 2012

चलो बुलावा आया है, पकिस्तान ने बुलाया है.

एक अरब भारतीयों की चीखों में वो दम नहीं जो पाकिस्तानियों की मिश्री घुली आवाज़ में है जरदारी और बिलावल के चाशनी में भीगे निमंत्रण पर क्रमशः मनमोहन जी और राहुल जी अब पाकिस्तान जायेंगे सरबजीत तुम सड़ते रहो, २६/११ वालों तुम तड़पते रहो। न्याय नहीं मिलता इस देश में।

Saturday, February 4, 2012

'बापू' का पछतावा--डैड , चिंता-फिकर नॉट !!

कल रात 'बापू' मेरे सपने में आये, कहने लगे - "मुझे अपनी भूल पर भारी पछतावा है , पटेल की जगह नेहरु को प्रधानमन्त्री बनाकर बहुत बड़ी भूल की थी मैंने। यदि 'सदार पटेल' को प्रधानमन्त्री बनाया होता तो आज भारत को ये दुर्दिन नहीं देखना पड़ता। मेरे बच्चों मेरी भूल को दोहराना मत, उखाड़ फेंको विदेशियों को। दिव्या, मेरी लाडली , कुछ करो , ख़तम कर दो इस परिवारवाद को । किसी सच्चे और इमानदार को ही बैठाना अब गद्दी पर, जो देश और देशवासियों के बारे में सोचे, स्विस खातों में काला धन न भरे"। -----मैंने कहा-- " बापू, चिंता-फिकर नॉट , हम हैं न ! इस बार कोई माई का लाल ही बैठेगा गद्दी पर , न कोई इटालियन , न ही कोई ब्रितानी। डैड , आपकी गलती का प्रायश्चित हम करेंगे और भारतमाता को असली आज़ादी दिलायेंगे और अखंड भारत बनायेंगे। ये भारत भूमि अभी 'पटेलों' और 'देश के लालों' से खाली नहीं हुयी है।

हम लाये हैं तूफ़ान से , कश्ती निकाल के,
इस देश को रखना मेरे बच्चों संभाल के।

जय हिंद
जय भारत,
वन्दे मातरम्

Zeal

Monday, December 5, 2011

लोकतंत्र अथवा तानाशाही ?

लोकतंत्र अथवा तानाशाही ?

कहने को तो हमारे देश में लोकतंत्र है! लेकिन क्या ये सच है ? क्या वास्तव में हमारे नेतागण लोकतंत्र का पालन करते हैं ?

कलमाड़ी मुद्दा गायब
2G scam का मुद्दा गायब
काले धन का मुद्दा आएगा तो भटका देंगे!
लोकपाल बिल का मुद्दा भी भटका दिया.
FDI के मुद्दे को जबरदस्ती बीच में घुसाकर.

मनमानी करेंगे! जब सरकार को निजी खतरा दिखेगा तो वह--

अनशनकारियों को पिट्वाएगी
इमानदार अफसरों को मरवा देगी अथवा उन पर ऊँगली उठा उनकी छवि धूमिल करेगी.
कर्तव्यनिष्ठों को पुरस्कृत करना तो इस सरकार के अहम् के खिलाफ है...

देशभक्ति की बातें करने वालों से सरकार को विशेष खतरा महसूस होता है! ऐसा क्यों आखिर ?

यही हमारे देश में लोकतंत्र है देश के विकास सम्बन्धी निर्णय मतैक्य से लेने चाहिए ना कि मनमानी करनी चाहिए..

या फिर देश का सबसे बुद्धिमान व्यक्ति प्रधानमन्त्री ही है ? दुसरे सभी मूर्ख हैं?

हम इस देश में रहने , खाने , चलने का टैक्स तो भरें , लेकिन देश के मामले में दखल देने का कोई अधिकार नहीं ?

यह देश हम सबका है अथवा तानाशाहों का है केवल ?

Thursday, May 19, 2011

देश की दूसरी महिला प्रधानमंत्री - एक हिंदी ब्लॉगर.

कभी सोचा है आपने की 'हिंदी' भाषा किसी को प्रधानमन्त्री भी बना सकती है ? नहीं सुना न ? तो अब जान लीजिये कैसे मैं प्रधानमन्त्री बनी अपनी राष्ट्र भाषा हिंदी के कारण

एक दिन फोन की घंटी बज रही , हम ब्लौग लिख रहे थे , खैर भागकर फोन उठाया तो पता चला प्रधानमन्त्री मोहना का फोन था। बोले- "दिव्या busy हो क्या , कुछ ज़रूरी मुद्दों पर तुम्हारी राय लेनी थी ?" मैंने कहा - "नहीं, busy नहीं हूँ , आपके किसी काम सकूँ , ये तो सौभाग्य है , कहिये , क्या समस्या है ? "

मोहना - "आजकल ओबामा का बहुत नाम हो रहा है , कुछ बताओ की मैं क्या करूँ ताकि मेरी भी कुछ नाम हो विश्व स्तर पर "

दिव्या - " Sir, listen to your heart "

मोहना- कैसे सुनूँ अपनी , तुम तो जानती हो सोनिया जी की बात भी रखनी पड़ती है।

दिव्या- Sir , एक काम कीजिये, आप सोनिया जी को प्रधानमन्त्री बना दीजिये फिर बन्दूक उनके कंधे पर रखकर....

मोहना - वाह ! ग्रेट आईडिया !

तभी राहुल बाबा गए , बोले -

राहुल - आपकी बातें सुनीं , आप तो जबरदस्त रणनीतिज्ञ हो । "Will you marry me ?"

दिव्या - Sorry Sir , I am already taken । Beauty with brains की डिमांड ज्यादा रहती है और वे शीघ्र ही विवाह करके settle हो जाती हैं

राहुल- इतना घमंडी हो तुम !

दिव्या- अब इसमें घमंड की क्या बात है , जो सच है वो कह दिया आप क्या उम्मीद कर रहे थे की मैं कहूँगी - "कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली ".........ना भाई न , इतना underestimate नहीं कर सकती स्वयं को वैसे आप उदास हों , आपके लिए कोई कोई सरल , सुशीला ढूंढ ही दूँगी।

राहुल बाबा कुछ आश्वस्त दिखे , चिंतामग्न होकर बोले - "दिव्या कोई रास्ता बताओ , माया बहन को सबक सिखाने का ---मैं अपनी राजनीति की शुरुवात उत्तर प्रदेश से ही करना चाहता हूँ"

दिव्या- आप तो बिलकुल सही दिशा में चल रहे हैं बस लगे रहिये। अभी UP police ने जो नर संहार किया है , उसके भंडाफोड़ में आपके बयान अनमोल हैं आपने गरीबों और प्रधानमन्त्री के मध्य वार्तालाप कराकर एक सेतु का काम किया है। आप बधाई के पात्र हैं लगे रहिये !! बस बचे रहिएगा कुछ कांग्रसी मानसिकता के संक्रमण से। वैसे हर प्रकार की आपदा से एक पुरुष को उसकी पत्नी ही बचाती है , इसलिए विवाह कर लीजिये समय रहते।

बहू की बात सुनते ही सोनिया जी भी गयीं। बेटे के हाथ से फोन छीन लिया ,बोलीं- " दिव्या आज बहुत बात करने का मन है तुमसे , कभी चैन के दो पल भी नहीं मिले मुझे ...कुछ बताओ मन को सुकून कैसे मिले "

दिव्या- देखिये सोनिया जी , मन को सुकून सिर्फ देश भक्ति करने से ही मिलता है और वो आपने किया नहीं कभी।

सोनिया - क्या बात करती हो तुम ! मैं तो इतने वर्षों से भारतीय राजनीति में हूँ, महिलाओं के ३३ % आरक्षण के भी हक में हूँ मोहना को अपनी कीमती राय भी समय समय पर देती रहती हूँ , और तुम कह रही हो....

दिव्या- आपने राजनीति की है , देशभक्ति नहीं होश संभालते ही तो आप विदेशी धरती पर गयीं अपने देश की मिटटी की सोंधी खुशबू क्या होती है , ये तो आपने जाना ही नहीं आपका बचपन, सखियाँ सहेलियां ....क्या आपको याद नहीं आती इन सबकी ?...

सोनिया जी नोस्टालजिक हो गयीं , उनकी आखों के कोरों से दो अश्रु की बूँदें टपक पड़ीं॥

थोडा संयत होकर बोलीं - अब क्या करूँ , इधर मोहना ने मुझे प्रधानमन्त्री बना दिया है तुम्हारे कहने पर , अब इतना बड़ा दायित्व छोड़कर जाऊं कैसे ?

दिव्या- चिंता कीजिये , प्रधानमंत्री पद के लिए 'मोदी' से बेहतर कोई ना मिलेगा। फ़ौरन उन्हें सौंप दीजिये देश अच्छा चलायेंगे वे।

सोनिया- नहीं मोदी नहीं , मेरे वोटर नाराज़ हो जायेंगे। और फिर उनके खिलाफ भी सीडी वगैरह तैयार रखी होगी। इसलिए उनके प्रधानमंत्री बनते ही , वे जांचों के घेरे में जायेंगे। एक काम करो , तुम ही प्रधानमंत्री बन जाओ तुम्हें कोई जानता भी नहीं है , इसलिए तुमसे कोई ईर्ष्या द्वेष भी नहीं रखेगा। और फिर तुम तो हिंदी ब्लॉगर हो , इसलिए 'हिंदी' द्वारा दो अरब जनता को एक सूत्र में बाँध भी सकोगी। अब मैं कुछ दिनों के लिए इटली जाती हूँ। वहीँ खाऊँगी 'इटालियन पिज्जा '

क्या करती , सोनिया जी की बात नहीं टाल सकी और मैंने अंततोगत्वा शपथ ले ली प्रधानमन्त्री पद की

प्रधानमन्त्री दिव्या -

अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे इतने सारे मुद्दे और एक अकेली जान खैर , जो भी हो मैदान छोड़ का भाग तो नहीं सकती थी न।

शपथ लिए अभी दो दिन ही हुए थे की विरोधी अपना सर उठाने लगे। दिग्गी जी बोले - " दिव्या अपनी चल-अचल संपत्ति का उल्लेख करें " ....खैर मेरी निजी संपत्ति के नाम एक पुराना लैपटॉप मिला जो अक्सर हैंग हो जाता है।

अभी दिग्गी जी से निजात मिली ही थी की , डॉ अमर, आमरण अनशन पर बैठ गए- काला धन वापस लाओ नहीं तो दिव्या इस्तीफ़ा दें।

क्या करती ...ये हीरो बनें , इससे तो बेहतर था की मैं ही काला धन वापस मंगाकर लोगों के दिलों में राज करती। खैर हिम्मत करके काला धन बटोरने वालों की सूची जारी कर दी। लोग इतने प्रसन्न हुए की उन्होंने मेरा नाम उस सूची में होने के बावजूद मुझे ह्रदय से लगा लिया।

फिर क्या था , मुझमें भी जोश और हिम्मत , zeal ,वापस गयी --
  • सबसे पहले कसाब को पाकिस्तान भिजवाया
  • फिर घोटालेबाजों की संपत्ति को नीलाम करके उन्हें जेल भिजवाया
  • भारत और चढ़ाई करने वाले मुल्कों के मध्य चीन की दीवार से भी लम्बी दीवार के लिए निर्माण शुरू करवा दिया।
  • प्रत्येक जिले में आधुनिक चिक्तिसा सुविधाओं से युक्त अस्पताल और भव्य स्कूल का निर्माण शुरू ...
  • सभी बेरोजगार को रोजगार मिला man power कम पड़ने की स्थिति में अमेरिका से सस्ते लेबर को मंगवाया गया
  • देश से निकलने वाले टनों इलेक्ट्रोनिक कचरे को अमेरिका भेजा जाएगा recycle होने के लिए।
  • किसानों को खाद , बीज और कृषि सबंधी सभी सुविधाएं मुफ्त मुहैय्या। सूखे अथवा किसी भी प्रकार की प्राकृतिक आपदा की स्थिति में , किसानों के भरण-पोषण की जिम्मेदारी सरकार की होगी।
  • महिलाओं को harass करने वालों को पांच साल की बामशक्कत कैद।
  • पत्नी पर घरेलु हिंसा करने वाले पतियों को नौकरी से छुट्टी दिलाकर घर में बर्तन और झाड़ू-पोंछा करवाया जाएगा और पत्नी को नौकरी दी जायेगी।
  • लिस्ट जारी है ....

दिव्या के भ्रष्टाचार विरोधी मंत्री मंडल के सदस्य -

निर्मला कपिला जी ,
शोभना चौरे जी ,
अजित गुप्ता जी ,
राजेश कुमारी जी ,
एवं किरण बेदी जी

अब ज्यादा शोर मचाने की ज़रुरत नहीं की पुरुषों को मंत्री मंडल में क्यूँ नहीं शामिल किया गया। अरे भाई विरोधी दल जितना तगड़ा होगा , सरकार चलाने में उतने ही tough challenges आयेंगे। तभी हम अपना बेस्ट दे सकेंगे और कोशिश करेंगे की हमारा देश हर क्षेत्र में अग्रणी रहे इसलिए पुरुषों को अपने सशक्त विरोधी दल में रखा है। उम्मीद है opposition वाले सहयोग करेंगे।

विजयी विश्व तिरंगा प्यारा
झंडा ऊंचा रहे हमारा

जय हिंद !

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